Shree Krishan Leela

Shree Krishan Leela is a Haryanvi Ragni App

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    com.ak.krishanleela
  • Developer

    A.K.Sharma
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  • Update Time

    Jan 1, 1970
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Description

सैनी कृष्णलाल, नया गाँव, बहादुरगढ़, जिला -झज्जर, हरियाणा हमारे पूर्वजो का खरखौदा का निवास था। शादी राम के सहिया उसके कवरभान, कवरभान के दो पुत्र थे। बड़े मेदा छोटे रामजस, ये नये गाँव आ गये। रामजस के चार लड़के थे कूुड़ेराम, जगन, इन्दराज, टेकचन्द, कुड़ेराम के तीन लड़के, दो लड़की बड़े श्री राम भाने राम, सरदारे, धर्मों भानी दो लड़की, मेरे पिता श्री राम के हम तीन सन्तान है। मेरी माता का नाम श्रीमती सोनादेई है, पिताजी का स्वर्गवास 1990 मे हो गया। माता जी का स्वर्गवास 1999 मे हो गया। सबसे बड़ी बहन मेरी बहन शान्ति देवी वे अब इस संसार मे नही है। उनका स्वर्गवास 4-5-2021 को हो गया। वे 81 वर्ष की थी। मेरे से बड़े भाई रामकवार इनका जन्म 2-5-1948 को हुआ। मेरा जन्म 30-11-1952 को हुआ। मेरे पिताजी अंग्रेजो की फौज मे थे। वल्ल्डवॉर के बाद वे नाम कटा कर आ गये। फिर उनके पेट का आप्रेशन हुआ। वे बीमार रहने लगे। भाईयो ने अलग कर दिये। गरीब ह्लात के अन्दर मै तीन महीने पहली कक्षा मे स्कूल मे गया तीन महीने दुसरी में गया। उसके बाद मेरे को घर पर काम करवाने लगे। मेरी माता जी श्री हंस जी महाराज की नाम लेवा थी। उनको मीरा की तरह भगवान से मिलने का वैराग्य था। मेरे अन्दर भी धार्मिक शिक्षा प्रवेश कर गई। श्री हंस जी महाराज से नाम दान ले लिया, उसेक बाद मै कविता लिखने लग गया। पंडित लखमीचन्द के शिष्यों के सांग देख और किताब पढ़ी। मै पंडित श्री लखमीचन्द को गुरू मान कर धार्मिक भजन रागनी लिखने लगा। मेरे भजन (शब्द) नरेन्द्र कौशिक ने कुछ कैसेट टी.सी. रिज में भरी। विजय कुमार ने जगदीश व मैक्ष मे भरी बालाजी भोले भगवती इत्यादि अनेक भजनो की रचना करी। श्रवण कुमार धुव भगत मीराबाई विक्रमजीत सति अनुसुईया सेठ ताराचन्द जन्मेजय हरिशचन्द्र मोरध्वज, सम्पूर्ण कृष्णलीला, सम्पूर्ण रामायाण, पहला भाग मह्माभारत गीता ज्ञान लगभग दस हजार रागनी भजन शब्द की रचना करी है। मेरे प्रत्यक्ष गुरू पंडित भरत सिंह पहरावर वाले है। जिन्होने सभी रागनी भजनो का निरीक्षण किया है। मेरे अध्यात्मक गुरू श्री राजेन्द्र सिंह जी महाराज है। मै मजदूर और कृषक हूँ । मेरी शादी 4-7-1975 को भैसवाल कलां से फूलवती से साथ हुई। उनके द्वारा पाँच सन्तान प्राप्त हुई । पहले तीन लड़की प्रमिला, पूनम, नीलम उनसे छोटे दो लड़के प्रमानन्द और सुनील कुमार है । लिखने को तो बहुत कुछ हैएक और किताब तैयार हो जायेगी।
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Jan 1, 1970 Jan 1, 1970
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